थाम ले हाथ मेरा..
आ बैठ तो सही मेरे पास,
मुझे आख़िरी साँस लेनी है बाहों में तेरी,
जिंदगी में मेरी हर बात तुमसे है
इसी कोई रात नहीं जिसमें ख्वाब तुम्हारा ना हो,
समझ सको तो समझ लेना मेरे दिल की गहराईयों को,
जैसे समझा है मैंने तुम्हारी मजबूरियों को..
धूँआ बन कर उड़ जाना बाकी है बस
तू बसा दे या उजाड़ दे,
अब तेरी मर्जी है..
Shnaya
28-May-2022 03:09 PM
बेहतरीन
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Abhinav ji
28-May-2022 08:42 AM
Nice👍
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Reyaan
28-May-2022 12:46 AM
बहुत खूब
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